नई दिल्ली: दुनिया भर के कैथोलिक समुदाय को हिला देने वाले एक ऐतिहासिक फैसले में, पोप फ्रांसिस ने एक दस्तावेज को मंजूरी दे दी है, जिसमें समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद देने की अनुमति दी गई है। यह कैथोलिक चर्च के भीतर समलैंगिकता के प्रति रुख में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है और विवाह पर चर्च के विचारों पर बहस को पुनर्जीवित कर सकता है।
समलैंगिक जोड़ों का आशीर्वाद – एक क्रांतिकारी कदम
2022 में, पवित्र धर्मसभा ने एक दस्तावेज जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि “ईश्वर किसी को भी उनके यौन अभिविन्यास के आधार पर खारिज नहीं करते हैं।” इस दस्तावेज में समलैंगिक जोड़ों को पादरी से आशीर्वाद लेने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था। हालांकि, उस समय इस दस्तावेज को अंतिम मंजूरी नहीं दी गई थी।
पोप फ्रांसिस ने अब इस दस्तावेज को मंजूरी दे दी है, जिससे कैथोलिक चर्च की सदियों पुरानी परंपरा में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अब पादरी समलैंगिक जोड़ों को उनके रिश्ते को आशीर्वाद दे सकते हैं, हालांकि समलैंगिक विवाह को अभी भी चर्च द्वारा मान्यता नहीं दी गई है।
क्या बदल रहा है?
इस फैसले का मतलब यह नहीं है कि चर्च अचानक समलैंगिक विवाह को मान्यता देगा। हालांकि, यह समलैंगिक समुदाय के प्रति चर्च के रवैये में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है। अब समलैंगिक जोड़ों को चर्च के भीतर अधिक स्वीकृति और समावेश का अनुभव हो सकता है।
इस फैसले से दुनिया भर के कैथोलिक समुदाय में भी विवाद भड़क सकते हैं। कई रूढ़िवादी कैथोलिक इस फैसले का विरोध कर सकते हैं, जबकि अन्य इसे चर्च के एक सकारात्मक कदम के रूप में देख सकते हैं।
भविष्य का क्या?
यह देखना बाकी है कि पोप फ्रांसिस का यह फैसला चर्च के भविष्य को कैसे प्रभावित करेगा। हालांकि, यह संदेह नहीं है कि यह कैथोलिक चर्च के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है।